moneythoughtsandlife : Maius to hu wade se tere

Thursday, 26 March 2015

Maius to hu wade se tere

मायूस तो हूं वायदे से तेरे, कुछ आस नहीं कुछ आस भी है.
मैं अपने ख्यालों के सदके, तू पास नहीं और पास भी है. 

दिल ने तो खुशी माँगी थी मगर, जो तूने दिया अच्छा ही दिया.
जिस गम को तअल्लुक हो तुझसे, वह रास नहीं और रास भी है.

पलकों पे लरजते अश्कों में तसवीर झलकती है तेरी. 
दीदार की प्यासी आँखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है.

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